विज्ञान दिवस 2020 : इस लेख में हमने राष्ट्रिय विज्ञानं दिवस पर भाषण दिया है. विज्ञानं दिवस क्या है? क्यों मनाया जाता है? इसका महत्व क्या है? ये अभी जानकारी के साथ एक उत्तम भाषण script देने का प्रयास किया है. विज्ञानं दिवस के अवसर पर छात्र और अध्यापक इस भाषण को किसी कार्यक्रम में प्रस्तुत कर सकते है. या फिर छात्र इसे निबंध के रूप में भी लिख सकते है.
विज्ञान दिवस पर भाषण हिंदी में
वैज्ञानिक अनुप्रयोग के महत्व के संदेश को व्यापक तौर पर प्रसारित करने के उद्देश्य से “राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में हर साल 28 फरवरी को भारत में मनाया जाता है। वर्ष 1928 में सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन, भारतीय भौतिकविज्ञानी के द्वारा भारत में “रमन प्रभाव” के आविष्कार को याद करने के लिये इस विज्ञान दिवस का विशेष महत्व है.
आपको बता दे की वर्ष 1930 में भारत में विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल करने के लिये भौतिक विज्ञान में चन्द्रशेखर वेंकट रमन को नोबल पुरस्कार से पुरस्कृत और सम्मानित किया गया था।
ज्ञान का परिष्कृत और उन्नत स्वरूप है विज्ञान। आदिकाल में मनुष्य को अंधेरें से डर लगता था। सहज वृत्ति और विज्ञान ने पत्थरों की रगड़ से मनुष्य ने आग की खोज की। अंधेरा हटा और मानव ने विज्ञान को आत्मसात किया। तर्क की कसौटी पर कसने के बाद ही विभिन्न वैज्ञानिक सिद्धांतों को प्रतिपादित किया गया। हमने एक राष्ट्र के रूप में विज्ञान के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। लेकिन अब भी काफी लंबा सफर तय करना है।
मानव जीवन में विज्ञान का अहम योगदान है। विज्ञान के बगैर विकास की कल्पना संभव नहीं है।
रात के बाद दिन क्यों, ऋतुओं का परिवर्तन क्यों, पानी डालने पर आग बुझती क्यों, बीज से पौधे क्यों से लेकर सेब पेड़ से धरती पर गिरता क्यों? ………आखिर क्यों? ये सब वो सवाल थे जिन्होंने मानव को सदा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। इनके कारण जानने को लगातार खोज के लिए प्रेरित किया। विज्ञान और विश्वास के बीच दव्ंदव् नहीं सह संबंध है। मानव ने पहिए का सर्वप्रथम आविष्कार किया। बड़ा और क्रांतिकारी। इस खोज ने गति प्रदान की। मानव अब एक जगह का नहीं होकर दुनिया भर में अपनी पहुंच बनाने लगा था।
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विज्ञानं दिवस को सिर्फ आज के दिन विशेष के रूप में नहीं बल्कि पुरे साल भर विज्ञान की गतिविधियों और वैज्ञानिक सोच को आगे बढ़ने का काम करना है.
- लोगों के दैनिक जीवन में वैज्ञानिक अनुप्रयोग के महत्व के बारे में एक संदेश को व्यापक तौर फैलाने के लिये हर वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाया जाता है।
- मानव कल्याण के लिये विज्ञान के क्षेत्र में सभी गतिविधियों, प्रयासों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करके हमें आगे बढ़ाना है.
- आज के दिन विज्ञान के विकास के लिये सभी मुद्दों पर चर्चा करना और नयी प्रौद्योगिकी को लागू करने के बारे में हमें सोचना चाहिए.
आज के युग को विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग कहा जाता है, और इस क्षेत्र में हम तीव्र गति से प्रगति कर रहे हैं। हमारे जीवन को खुशहाल बनाने के लिए, वैज्ञानिक भी दिन-प्रतिदिन नई तकनीकों का विकास कर रहे हैं’
पिछला दशक तकनीक के विकास के मामले में हमारी ज़िंदगी में क्रांति लेकर आया है. इसने एक तरह से कई वैज्ञानिक आविष्कारों की नींव रख दी है. 20वीं सदी में इंटरनेट ने कंप्यूटर क्रांति के लिए रास्ता बना दिया.हालांकि, पिछले दशक में आई डिजिटल क्रांति ने पूरी दुनिया के काम करने का तरीका बदल दिया.
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लेकिन क्या हम खुश हैं? क्या आधुनिक तकनीकों को ध्यान में रखते हुए, विज्ञान ने हमें ऐसी तकनीक दी है, जिसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं है? इसका मतलब है कि हम कहीं न कहीं गलती कर रहे हैं। जैस कि हमने भौतिक विज्ञान को गहराई से नहीं समझा है।
जब एक वैज्ञानिक एक तकनीक का आविष्कार करता है, तो क्या वह इसके प्रतिकूल प्रभावों के बारे में सोचता है? उनकी दृष्टि हमेशा एकतरफा रहती है। यही कारण है कि वर्तमान में कोई भी तकनीक पूरी तरह से हानिरहित नहीं है। आधुनिक विज्ञान आज कई गंभीर समस्याओं से घिरा हुआ है। लेकिन इसके भी कई हल है और वो भी विज्ञानं से ही आसन हो जायेगा.
आज हम विज्ञान में बहुत तरक्की कर चुके है लेकिन अब भी हमें विज्ञान के क्षेत्र में बहुत कुछ करना बाकी हैं। स्वतंत्रता के बाद देश में विज्ञान के विकास के लिए हमारे नीति निर्धारकों ने एक स्वप्न देखा था। जिसे आज हम सात दशक बाद फलता-फूलता हुआ देख रहे हैं। इस दिशा में सभी का सहयोग जरूरी है जिससे कि विज्ञान और अधिक विकसित होता रहे।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का थीम (विषय)
वर्ष 1999 – “हमारी बदलती धरती”।
वर्ष 2000 – “मूल विज्ञान में रुचि उत्पन्न करना”।
वर्ष 2001 – “विज्ञान शिक्षा के लिये सूचना तकनीक”।
वर्ष 2002 – “पश्चिम से धन”।
वर्ष 2003 – “जीवन की रुपरेखा- 50 साल का डीएनए और 25 वर्ष का आईवीएफ”।
वर्ष 2004 – “समुदाय में वैज्ञानिक जागरुकता को बढ़ावा देना”।
वर्ष 2005 -“भौतिकी को मनाना”।
वर्ष 2006 – “हमारे भविष्य के लिये प्रकृति की परवरिश करें”।
वर्ष 2007 – “प्रति द्रव्य पर ज्यादा फसल”।
वर्ष 2008 – “पृथ्वी ग्रह को समझना”।
वर्ष 2009 – “विज्ञान की सीमा को बढ़ाना”।
वर्ष 2010 – “दीर्घकालिक विकास के लिये लैंगिक समानता, विज्ञान और तकनीक”।
वर्ष 2011 – “दैनिक जीवन में रसायन”।
वर्ष 2012 – “स्वच्छ ऊर्जा विकल्प और परमाणु सुरक्षा”।
वर्ष 2013 – “अनुवांशिक संशोधित फसल और खाद्य सुरक्षा”।
वर्ष 2014 – “वैज्ञानिक मनोवृत्ति को प्रोत्साहित करना”।
वर्ष 2015 – “राष्ट्र निर्माण के लिये विज्ञान”।
वर्ष 2016 – “देश के विकास के लिए वैज्ञानिक मुद्दों पर सार्वजनिक प्रशंसा बढ़ाने के लक्ष्य” ।
वर्ष 2017 – “विशेष रूप से एबल्ड पर्सन के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी”।
वर्ष 2018 – “एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी।”
वर्ष 2019 – “विज्ञान के लिए जन और जन विज्ञान के लिए विज्ञान।”
वर्ष 2020 – ” विज्ञान में महिलाएँ” ।