Avoid Diseases – बीमारियों से बचने के लिए कब और कैसा आहार खाना चाहिए

कोई भी रोग ( Disease ) हो तो इसका उद्दभव अपने खाने से ही होता है. अगर हम खाने की आदतों में कुछ बदलाव कर दे तो कई रोगों का सामना ( avoid diseases )  हो जाता है.

किसी भी रोग का इलाज – treatment –  करने से अच्छा है की इस रोग को आने से ही रोक दिया जाये. अपने body को ही रोगों से लड़ने का साधन बनाया जाये. और इसके लिए हररोज के खाने में परहेज करना जरुरी होता है.

शरीर रोगग्रस्त क्यों बनाता है ?

हम कुछ भी क्यों खा लेते है ? हम कही भी क्यों खाने बैठ जाते है ? क्यों की हमें इसकी पूरी तरह से समज नहीं होती है. इस आर्टिकल में आपके लिए कुछ Dieting टिप्स दी है. जिसकी मदद से आप अपने रोज के Changes in eating करके कई Disease को आने से रोक सकते है. avoid diseases Tips Hindi.

उचित आहार लेने से जहां एक ओर शरीर रक्षण व सवर्धन होता है वहीं दूसरी ओर गलत और असंयमित आहार से body रोगग्रस्त भी बनता है आहार शुद्ध, सात्विक जीवन सतयुक्त हो उचीत परिमाण में हो ऐसा कहा जाता है कि उचित मात्रा में तथा वातावरण अनुकूल भोजन food करने वाला व्यक्ति स्वस्थ हो सकता है.

कब और कैसा आहार खाना चाहिए – Dieting Tips

avoid diseases Tips Hindi :

– अपनी प्रकृति के अनुकूल food लेना हितकारी कहा जाता है मनुष्य को अपनी प्रकृति को जानकर उसके अनुकूल भोजन पदार्थ को लेना चाहिए.

– ऋतु के अनुसार भोज्य पदार्थ का चयन करना चाहिए .

– ग्रीष्म काल में उष्ण प्रकृति के पदार्थो सेवन कम से कम करना चाहिए और सर्दी के दिनों में शीत प्रकृति के पदार्थ का सेवन सावधानी पूर्वक कम से कम करें या ना करें वर्षा ऋतु में पचने में भारी जैसे की तले हुए पदार्थ, मसाले वाले पदार्थ का सेवन ना करें

– भोजन का समय निश्चित रखे नियत समय पर अथवा कड़ी भूख लगने पर ही भोजन करें .

– बिना भूख के समय होने पर भी भोजन न करें वैसे निश्चित समय पर हो अपने आप भुख लगती है.

–  जहां तक हो सके शाम का भोजन सूर्यास्त के 1 घंटे बाद तक कर ले और सोने के दो-तीन घंटे पूर्व हो तो स्वस्थ अच्छा रहता है देर से भोजन करने से शरीर को नुकसान पहुंचता है और सुष्म रोगाणुओं का वातावरण में परिमाण बढ़ता है जो भोजन के साथ शरीर के भीतर जाकर हमें रोगी बनाते हैं

– नाश्ते में अंकुरित धान्य, सलाद ,फल, सब्जियों व फलों का रस ,सूप ,सास आदि लेना हितकारी है.

– भोजन में हरी सब्जिया सलाद सास या दही व कच्चा अंकुरित व रेशेदार पदार्थ का प्रयोग अधिक मात्रा में करें

– भोजन शुद्ध सात्विक हो जो हमारे body को स्वस्थ हल्का Fresh बनाता है और मन को शांत व आनंद से युक्त बनाता है एक कहावत है कि जैसा खाओ अन्न वैसा बने मन यह कहावत बिल्कुल सत्य है. ये बेस्ट avoid diseases  टिप्स है.

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आहार और मन :

– आहार का हमारे मन पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है सात्विक पदार्थ में हरी सब्जियां फल दूध दही इत्यादि आते हैं किंतु जब इन्हीं पदार्थ में तेल मिर्ची मसाला आदि डाले जाए या ज्यादा समय रखने के बाद प्रयोग किया जाए तो उसे ही रजत वह तामस आहार कहेते हैं और जब प्राथमिक पदार्थों को भी अशुद्ध भाव से बनाया जाए तो उसे भी अशुद्ध पदार्थ कहेगे इसीलिए भोजन पदार्थ की स्थान की व्यक्ति की तन मन की शुद्धता का पूर्ण रूप से ख्याल रखना चाहिए तभी हम पूर्ण स्वस्थ की प्राप्ति होगी.

– भोजन पदार्थ को ज्यादा पीसने,भुनने से तलने से उसके स्वभाविक पोष्टिक गुण नष्ट होते हैं.

–  हमारे भोजन की मात्रा कितनी हो इसके संबंध में हमारा शास्त्र बताता है कि हम अपने आमाश्य का १/२ भाग अन्न के लिए १/४ पानी के लिए तथा शेष १/४ भाग वायु के आवागमन हेतु दिन के भोजन में सौड़ना चाहिए

–  avoid diseases  के लिये रात्रि के भोजन में १/४ भाग अन्न ले १/४ भाग जल ले तथा १/२ भाग वायु हेतु खाली छोड़ दे.

–  भोजन हल्का सुपाच्य हो इसे ठीक तरह से चबा चबाकर खाएं दांतों का काम आंतो से लेकर Disease को आमंत्रित ना करें

– पाचन संस्था को विश्राम देने हेतु सप्ताह में एक दिन उपवास करें

– उपवास में साबूदाना, आलू ,चिप्स, पापड़, तले हुए पदार्थ लेना स्वयम पर अत्याचार करने के समान है

–  हमें उपवास में हमेशा नींबू पानी ,सास, दही ,फल ,गाजर, टमाटर ,जूस आदि हल्क सुपाच्य पदार्थ ले सकते है जितना हो सके उतना कम खाएं तभी उपवास का लाभ मिलेगा

– सूर्य स्वर में भोजन करें और चंद्र स्वर में पैय पदार्थ का सेवन करें

– avoid diseases  के लिये विरोध आहार से हमेशा बच्चे दाखला तरीके दूध के साथ खट्टे पदार्थ ना ले .

– दूध के साथ फल मिलाकर ना ले, दूध और मछली एक साथ ना ले प्याज और दही ना ले यह शरीर में विकार उत्पन्न करते हैं.

– नशीले पदार्थ से हमेशा बचें तमाखू सिगरेट जैसा व्यसन हो तो उसे भी जितना बने उतना जल्दी छोड़ दे उसे छोड़ने के लिए कई तरीके मौजूद हैं

कैसे और कब करे भोजन :

–  हमेशा याद रखे की दो भोजन के मध्य 7 से 8 घंटे का अंतर जरूर रखें

– आज के समय में हम भोजन करते समय tv अखबार पढ्ना जैसे कई चीज करते हैं लेकिन यह भी हमारे body के लिए खराब है इसे छोड़ दे हमेशा भोजन करते समय मौन का पालन करें अपना पूरा ध्यान भोजन में लगाए

– भोजन प्रसन्न चित्त से प्रेम और शांति पूर्वक करें.

– भोजन के 1 घंटे पूर्वा पानी पीए फिर भोजन के 2 घंटे बाद पानी पीए

–  लेकिन भोजन के समय पानी ना पिएं यदि भोजन में तरल पदार्थ न हो तो थोड़ा पीले भोजन के बाद छाछ पीना अच्छा है

– सुबह उठते ही ताबे या मिट्टी के पात्रों में रखा पानी पिए इसे अनेक रोगों से मुक्ति ( avoid diseases  ) मिलती है

–  जिसकी पाचन क्रिया ठीक ना हो और कब्ज हो उसे सुबह गुनगुना पानी पीना चाहिए

– भोजन के साथ अचार पर ऊपर से नमक नहीं लेना चाहिए उसे एसिड बनता है ,रक्त दूषित होता ,है और bp भी बढ़ता है

– खड़े होकर पानी, दूध , रस आदि न पिए अन्यथा हमारे शरीर से प्रोटीन मुत्र के साथ बाहर जाता है.

Extra Inning :

  • रोगों से बचने ( avoid diseases )  के लिए आहार में परहेज बेस्ट टिप्स है.
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