इस लेख में आपको NRC bill 2019 के बारे में सभी सही जानकारी आपको यहाँ देनेवाले है. NRC का मतलब क्या है? NRC और CAB ( CAA ) में क्या अंतर है ये भी बताएँगे. ये NRC आपको कैसे प्रभावित करेगा, किस document – दस्तावेज की जरुरत होगी इसकी जानकारी भी मिलेगी.
दोस्तों जैंसा कि पिछले आर्टिकल में हमने आपको बताया था CAB क्या है? आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे NRC क्या है? पिछले आर्टिकल को पढ़कर आपको CAB और NRC में क्या अंतर है ये भी पता चल जाएगा.
असम की नागरिकता को लेकर NRC bill की काफी चर्चाएं चल रही हैं तथा बहुत जगहों पर इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं NRC क्या है?
इस आर्टिकल को पढ़कर आपके दिमाग में NRC को लेकर चल रहे सारे प्रश्नों के जवाब आपको मिल जाएंगे. तो चलिए जानते हैं NRC क्या है और इससे संबंधित सारे सवालों के जवाब.
NRC Full Form in Hindi – NRC का पूरा नाम क्या है?
NRC का full form “National Register of Citizenship” होता है जिसका हिंदी अर्थ “राष्ट्रीय नागरिकता पंजी” ( भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ) होता है.
NRC in Hindi – NRC क्या होता है?
आसान शब्दों NRC यानी राष्ट्रीय नागरिकता पंजी एक तरीके का नागरिकता रजिस्टर है जिससे पता चलता है कि कौन वैध भारतीय नागरिक है और कौन अवैध रूप से भारत में निवास कर रहा है.
इस रजिस्टर में भारत के वैध नागरिकों की पहचान के लिए उनका नाम तथा जरूरी जानकारियां सुरक्षित रखी जाती हैं. वर्तमान में सिर्फ असम एक ऐंसा राज्य है जहाँ NRC लागू है अर्थात सिर्फ असम के पास NRC रजिस्टर है.
Assam state में NRC लागू करने का मुख्य उद्देश्य इस राज्य में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासी भारतीयों की पहचान करना तथा उनके ऊपर उचित कार्यवाही करना है तथा वैध नागरिकों का नाम रजिस्टर में शामिल करना है. Assam NRC Final List pdf एक बार जारी कर दिया गया है.
NRC बिल का इतिहास – History of NRC Bill
वर्ष 1947 में देश के बंटवारे के समय असम के बहुत से लोग पूर्वी पाकिस्तान चले गए थे लेकिन उनकी संपत्ति तथा जमीन असम में ही जिस कारण बहुत से अप्रवासी भारत आकर अवैध रूप से रहने लगते थे.
जब वर्ष 1951 में भारत की जनगणना हुई तो उसके बाद 1951 में ही NRC तैयार कर के लागू किया गया लेकिन इसके बाद भी अवैध रूप से बहुत से नागरिक भारत में निवास कर रहे थे. और जब 1971 में बंटवारे के बाद बांग्लादेश बना तो उसके बाद अवैध अप्रवासी भारतीयों की संख्या में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ.
इसके लिए 1979 में अखिल छात्र संघ द्वारा अवैध अप्रवासियों की पहचान कर उनके निर्वासन की मांग करते हुए आन्दोलन किया गया. इस 6 वर्षीय आन्दोलन के पश्चात 15 अगस्त 1985 इस असम समझौते पर हस्ताक्षर हुआ जिसके बाद यह आन्दोलन शांत हुआ.
इसके बाद वर्ष 2012 में इसकी प्रक्रिया आरम्भ की गई तथा 2015 से नागरिकता के आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू की गई. असम सरकार द्वारा 31 दिसंबर 2017 NRC का पहला संस्करण जारी किया गया तथा दूसरा 2018 में जारी हुआ.
नागरिकता लेने के लिए 3.29 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें से पहले और दुसरे संस्करण में मात्र 2.89 करोड़ आवेदनों को स्वीकार किया गया तथा बाकी आवेदनों को निरस्त कर दिया गया था अर्थात 2.89 करोड़ लोगों को नागरिकता दी गयी थी. वहीँ इस सूची में 40.37 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं किया गया.
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NRC bill kya hai – rashtriya nagrik register
इसके मूल में, NRC उन लोगों का एक आधिकारिक रिकॉर्ड है जो कानूनी भारतीय नागरिक हैं। इसमें उन सभी व्यक्तियों के बारे में जनसांख्यिकीय जानकारी शामिल है, जो नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार भारत के नागरिकों के रूप में अर्हता प्राप्त करते हैं। भारत की 1951 की जनगणना के बाद रजिस्टर पहली बार तैयार किया गया था और तब से लेकर आज तक इसे अपडेट नहीं किया गया है।
अब तक, इस तरह के डेटाबेस को केवल असम राज्य के लिए बनाए रखा गया है। हालांकि, 20 नवंबर को, गृह मंत्री अमित शाह ने संसदीय सत्र के दौरान घोषणा की कि रजिस्टर पूरे देश में विस्तारित किया जाएगा।
NRC CAA से कैसे संबंधित है?
प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी NRC, जो अब तक सिर्फ एक प्रस्ताव मात्र है, यदि इसे लागू किया जाता है, तो भारत में अवैध प्रवासियों को लक्षित किया जाएगा।
लेकिन अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी प्रभावित नहीं होंगे, अगर वे दावा करते हैं कि वे धार्मिक उत्पीड़न के बाद भारत आए हैं।
NRC Bill 2019 क्या है – What is NRC 2019?
जैंसा की हमने आपको बताया कि NRC का पहला संस्करण 31 दिसंबर 2017 तथा दूसरा 2018 को पेश किया गया था उसी प्रकार इसका अंतिम संस्करण 31 अगस्त 2019 को जारी किया गया. इस संस्करण को लेकर काफी विरोध प्रदर्शन तथा नारेबाजी इत्यादि की गयी.
चूंकि भारतीय नागरिकता के लिए 3.29 करोड़ नागरिकों ने आवेदन किया था जिसमें से मात्र 3.11 करोड़ लोगों को नागरिकता दी गयी थी बाकी 40.37 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं किया गया था.
वहीँ अंतिम संस्करण अर्थात 31 अगस्त 2019 को जारी की गयी सूची में 3.29 करोड़ आवेदनों में से 3.11 करोड़ लोगों के नाम शामिल है और लगभग 9 लाख लोगों के नाम इस सूची में नहीं है. NRC list जारी होने से 4 वर्षों से चल रही यह प्रक्रिया पूर्ण हुई.
NRC का कार्यालय 2013 में बना था तथा इस कार्य के लिए सरकार नें 62 हजार कर्मचारियों को लगाया था. सरकार ने इस कार्य के लिए लगभग 1200 करोड़ रूपए खर्च किये तथा इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 6.4 करोड़ दस्तावेजों की जांच की गयी.
इस प्रक्रिया में जिन लोगो को सूची से बाहर रखा गया है ऐंसे व्यक्ति सूची जारी होने के 120 दिन के भीतर उन विदेशी न्यायाधिकरणों में आवेदन कर सकते हैं जो 1964 के कानून के तहत अर्ध न्यायिक निकाय हैं.
यदि कोई विदेशी न्यायाधिकरणों द्वारा विदेशी घोषित कर उनका आवेदन निरस्त कर दिया जाता है ऐंसे व्यक्ति उच्च न्यायालयों में अपील कर सकते हैं. और यदि अदालत द्वारा भी वह व्यक्ति अवैध अप्रवासी घोषित कर दिया जाता है तो उसे गिरफ्तार कर निगरानी में रखा जा सकता है.
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NRC के तहत आवेदन करने हेतु क्या दस्तावेज चाहिए होते हैं – NRC Documents in Hindi
NRC के तहत जो व्यक्ति या उनके पूर्वज 25 मार्च 1971 के पहले से असम के निवासी हैं सिर्फ उन लोगों के नाम शामिल किये जाने का प्रावधान है. यदि कोई व्यक्ति NRC सूची में नाम देखना चाहता है तो उसे NRC फॉर्म के साथ कुछ दस्तावेज जमा करने होते हैं जिस आधार पर आप अपना नाम सूची में देख सकते हैं.
इसमें यदि आवेदक स्वयं 25 मार्च 1971 से पहले से असम राज्य का निवासी है तो उनके लिए दस्तावेज भिन्न हैं और यदि आवेदक के पूर्वज 25 मार्च 1971 से पहले से असम के निवासी हैं तो उनके लिए भिन्न हैं. आइये दोनों आधार पर कौन कौन से दस्तावेज लगते हैं जानते हैं.
NRC Documents – स्वयं के आधार पर
- नागरिकता प्रमाण पत्र
- स्थायी निवासी प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट
- बैंक या LIC दस्तावेज
- स्थायी आवासीय प्रमाण पत्र
- 25 मार्च 1971 तक Electrol roll
- 1951 का NRC
- शैक्षिक प्रमाण पत्र
- अदालत के आदेश रिकॉर्ड
- शरणार्थी पंजीकरण प्रमाण पत्र
NRC Documents – पूर्वजों के आधार पर
आपको NRC के लिए किस document – दस्तावेज चाहिए इसकी लिस्ट यहाँ दिया गया है.
- जन्म प्रमाण पत्र
- मतदाता सूची में नाम
- राशन कार्ड
- बैंक के दस्तावेज
- LIC दस्तावेज
- पोस्ट ऑफिस रिकॉर्ड
- भूमि दस्तावेज
- बोर्ड या विश्वविद्यालय सम्बंधित प्रमाण पत्र
- कानूनी रूप से स्वीकार्य किये जाने वाले अन्य दस्तावेज
दोस्तों आशा करता हूँ आपको इस आर्टिकल की मदद से काफी संतोषप्रद जानकारियां मिल गयी जिससे आप अच्छी तरीके से NRC के बारे में जान तथा समझ गए होंगे.
CAA और NRC में क्या अंतर है?
सरकार की तरफ से जो विधेयक पेश किया गया था उसमें दो अहम चीज़ें थीं – पहला, ग़ैर-मुसलमान प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देना और दूसरा, अवैध विदेशियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजना, जिनमें ज़्यादातर मुसलमान हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने 20 नवंबर को सदन को बताया था कि उनकी सरकार दो अलग-अलग नागरिकता संबंधित पहलुओं को लागू करने जा रही है, एक सीएए और दूसरा पूरे देश में नागरिकों की गिनती जिसे राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर या एनआरसी के नाम से जाना जाता है.
अमित शाह ने कहा था कि CAA में धार्मिक उत्पीड़न की वजह से बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है.
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