Yada Yada Hi Dharmasya Sloka Meaning In English

Yada Yada Hi Dharmasya Sloka Meaning In English

“Yada yada hi dharmasya” is a famous Sanskrit verse from the Bhagavad Gita, an ancient Indian text. The verse is spoken by Lord Krishna and translates to English as follows:

“Whenever there is a decline in righteousness and an increase in unrighteousness, at that time I manifest myself on earth.”

Yada Yada Hi Dharmasya Sloka Meaning In English

This verse emphasizes the concept of divine intervention and the periodic appearance of a higher power to restore balance and righteousness when it diminishes in the world.

Yada Yada Hi Dharmasya Sloka Meaning In Hindi

“यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।”

इस श्लोक में श्री कृष्ण कहते हैं “जब-जब इस पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, विनाश का कार्य होता है और अधर्म आगे बढ़ता है, तब-तब मैं इस पृथ्वी पर आता हूँ और इस पृथ्वी पर अवतार लेता हूँ।”

“परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे।।”

इस श्लोक में श्री कृष्ण कहते हैं “सज्जनों और साधुओं की रक्षा करने लिए और पृथ्वी पर से पाप को नष्ट करने के लिए तथा दुर्जनों और पापियों के विनाश करने के लिए और धर्म की स्थापना के लिए मैं हर युग में बार-बार अवतार लेता हूँ और समस्त पृथ्वी वासियों का कल्याण करता हूँ।”

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