राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध – Peacock Essay hindi

निबंध सभी कक्षाओं में अभ्यास के लिए, स्वतन्त्र लेखन कौशल के लिए जरुरी है. यहाँ मोर पर निबंध दिया गया है. सभी class 1 से 5 तक, 6 से 8 तक और 9 से 12 वीं कक्षा तक के बच्चो के लिए मोर विषय पर छोटा और बड़ा, 200 और 300 शब्दों में निबंध दिया गया है. पढ़े : मेरा प्रिय पक्षी मोर, राष्ट्रिय पक्षी मोर, mor par short Nibandh, Peacock Essay In Hindi Font For All Class.

प्रिय पक्षी पर निबंध मोर पर निबंध Class 6 – 7

हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर है। मोर दिखने में बहुत सुन्दर होता है। उसके शरीर का हर एक अंग उसकी सुंदरता पर चार चाँद लगाता है।

उसका शरीर नीले रंग का होता है। और पंखों में ना जाने कितने रंग होते हैं। जैसे हरा नीला गुलाबी बैगनी।  उसके पंख बड़े -बड़े होते हैं। और जब मोर अपना पंख खोलता है तो वह और भी सुन्दर लगता है।

उसकी आँखे लम्बी और खूबसूरत होती हैं। यह कार्तिक भगवान का वाहन भी है।  यह कृष्ण भगवान का एक रूप भी है। जब मोर अपने पंख खोलता है तो वह एक अदभुत नजारा होता है।  हमारे देश में मोर रांची बिहार मथुरा वाराणसी और राजस्थान के इलाकों में ज्यादा संख्या में पाये जाते हैं। इनका शरीर बड़ा और भारी होता है।  जिसके कारण यह ज्यादा ऊंचाई तक उड़ नहीं पाते हैं।  यह दान बीज आदि खातें हैं।  कहा जाता है की यह सांप भी खाता है। मगर इनपे सांप के विष का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह बहुत शान से राजा की तरह चलता है। इनकी खुबिंया तो बहुत हैं जिनमे से कुछ नीचे लिखा हुआ है।

यह बारिश होने का अंदाजा लगा लेता है।  उसके तन का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग जो की पंख है। हिन्दू संस्कृति में माना जाता है की इसके पंख घर में रखने से सुख शम्पत्ति का लाभ होता है।  लोग इसके पंख को किताब में निशान के लिए प्रयोग करते हैं।

मोर एक बहुत ही सुन्दर, आकर्षक तथा शान वाला पक्षी है। बरसात के मौसम में काली घटा छाने पर जब यह पक्षीपंख फैला कर नाचता है तो ऐसा लगता मानो इसने हीरों-जड़ी शाही पोशाक पहनी हो। इसलिए इसे पक्षियों काराजा कहा जाता है। पक्षियों का राजा होने के कारण ही सृष्टि के रचयिता ने इसके सिर पर ताज जैसी कलगी लगाईहै। मोर के अद्भुत सौंदर्य के कारण ही भारत सरकार ने 26 जनवरी,1963 को इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया। हमारेपड़ोसी देश म्यांमार का राष्ट्रीय पक्षी भी मोर ही है।

मोर पर निबंध

मोर पर 300 शब्द का निबन्ध- Hindi Essay on Peacock

भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर से परिचय- मोर हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी है। मोर दूसरे पक्षीयों की तुल्ना में बड़ा और रंगबिरंगा पक्षी है। मोर के सर के उपर एक जन्म से प्राप्त मुखट होता है। मोर के पंख लम्बे सतरंगी और चमकदार होते है। मोर की गर्दन लग्बी और उसके पंखों जैसी चमकदार होती है। मोर शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का खाना खाते है। मोर के पैरों के पंझे नुकीले और तीखे होते है। इससे मोर अपने शिकार सांप और चूहों को खाने में काम लेता है।सामान्यतः मोर जंगल में रहना पसन्द करते है। क्योंकि जंगल में मोर को खाने के लिए और रहने के लिए आसानी से मिलता है।

मोर की प्रमुख विषेशताए- मोर पक्षीयों में राजा होता है। और सबसे बुद्धिमान और सून्दर पक्षी भी। मोर का आकार दूसरे पक्षींयों से बड़ा होता है। मोर का पंख भगवान श्रीकृष्ण अपने सिर पर लगाते थे। साॅंप जैसा जहरीला जीव भी मोर से डरता है। क्योंकि मोर सांप भी खा सकता है। मोर उड़ता कम समय और चलता अधिक है। मोर के पंख में कुछ विशेष प्रदार्थ होते है जो जड़़ी-बुटियों में काम आते है। मोर हर वर्ष अपने पंख बदलता है। पूराने पंख झड जाते है, और उसके स्थान पर कुछ समय में नए और चमकदार पंख फिर से आ जाते है।

मोर की सुरक्षा के लिए कानून- मोर भारत में कम संख्या में है। मोर की संख्या में सुधार करने के लिए भारत में मोर संरक्षण कानून 1972 में बनाया गया। इसके तहत मोर का शिकार करने या मोर को किसी तरह की भी चोट पहूॅचाने पर दोषी को दण्ड वह जूर्माना देना होगा। मोर की संख्या में बढोतरी की जाए इसके लिए भारत सरकार कई तरह के मोर सरक्षण के अभियान चलाती रहती है। इस कानून के बनने के बाद अब भारत में मोर की संख्या में सुधार हुआ है।

मेरा प्रिय पक्षी मोर पर निबंध Class 4 – 5

‘मोर’ भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। यह एक बड़ा पक्षी है एवं इसके आकर्षक रंगीन पंख काफी लम्बे होते हैं। मोर के सर पर मुकुट जैसी खूबसूरत कलंगी होती है। इसकी लम्बी गर्दन पर सुन्दर नीला मखमली रंग होता है। यह भारत के सभी क्षेत्रों में पाया जाता है। 

मोर नुकसानदायक कीट-पतंगों को खाता है और इसलिए यह किसानों का अच्छा मित्र होता है। मोर शब्द पुल्लिंग है तथा स्त्रीलिंग को मोरनी कहते हैं। मोर का नृत्य बहुत प्रसिद्द है। मयूर नृत्य समूह में किया जाता है। नृत्य के समय मोर अपने पंख फैला कर बडा सुन्दर मगर धीमी गति का नृत्य करता है।

मोर का शिकार भारत में पूर्णतया प्रतिबंधित है। इसे भारतीय वन्य-जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत पूर्ण संरक्षण दिया गया है।

ये भी पढ़े : My Mother Essay Hindi – मेरी माँ

मोर के बारे में संपूर्ण जानकारी हिंदी में

मोर पर निबंध – विस्तृत जानकारी के साथ

‘फैसियानिडाई’ परिवार के सदस्य मोर का वैज्ञानिक नाम ‘पावो क्रिस्टेटस’ है। अंग्रेजी भाषा में इसे ‘ब्ल्यू पीफॉउल’ अथवा ‘पीकॉक’ कहते हैं। संस्कृत भाषा में यह मयूर के नाम से जाना जाता है। मोर भारत तथा श्रीलंका में बहुतातमें पाया जाता है। मोर मूलतः वन्य पक्षी है, लेकिन भोजन की तलाश इसे कई बार मानव-आबादी तक ले आती है।

मोर प्रारंभ से ही मनुष्य के आकर्षण का केंद्र रहा है। अनेक धार्मिक कथाओं में मोर को बहुत ऊँचा दर्जा दिया गयाहै। हिन्दू धर्म में मोर को मार कर खाना महापाप समझा जाता है। भगवान कृष्ण के मुकुट में लगा मोर का पंख इसपक्षी के महत्व को दर्शाता है। महाकवि कालिदास ने महाकाव्य ‘मेघदूत’ में मोर को राष्ट्रीय पक्षी से भी अधिक ऊँचास्थान दिया है। राजा-महाराजाओं को भी मोर बहुत पसंद रहा है। प्रसिद्ध सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के राज्य में जो सिक्केचलते थे, उनके एक तरफ मोर बना होता था। मुगल बादशाह शाहजहाँ जिस तख्त पर बैठता था, उसकी शक्ल मोरकी थी। दो मोरों के मध्य बादशाह की गद्दी थी तथा पीछे पंख फैलाए मोर। हीरों-पन्नों से जड़े इस तख्त का नामतख्त-ए-ताऊस’ रखा गया। अरबी भाषा में मोर को ‘ताऊस’ कहते हैं।

नर मोर की लंबाई लगभग 215 सेंटीमीटर तथा ऊँचाई लगभग 50 सेंटीमीटर होती है। मादा मोर की लंबाई लगभगसेंटीमीटर ही होती है। नर और मादा मोर की पहचान करना बहुत आसान है। नर के सिर पर बड़ी कलगी तथामादा के सिर पर छोटी कलगी होती है। नर मोर की छोटी-सी पूंछ पर लंबे व सजावटी पंखों का एक गुच्छा होता है।मोर के इन पंखों की संख्या 150 के लगभग होती है। मादा पक्षी के ये सजावटी पंख नहीं होते। वर्षा ऋतु में मोर जबपूरी मस्ती में नाचता है तो उसके कुछ पंख टूट जाते हैं। वैसे भी वर्ष में एक बार अगस्त के महीने में मोर के सभीपंख झड़ जाते हैं। ग्रीष्म-काल के आने से पहले ये पंख फिर से निकल आते हैं।

मुख्यतः मोर नीले रंग में पाया जाता है, परंतु यह सफेद, हरे, व जामनी रंग का भी होता है। इसकी उम्र 25 से 30 वर्ष तक होती है। यह बहुत ऊँचा तथा देर तक नहीं उड़ पाता। परंतु इसकी दृष्टि व सूंघने की शक्ति बहुत तेज होतीहै। अपने इन्हीं गुणों के कारण यह अपने मुख्य दुश्मनों कुत्तों तथा सियारों की पकड़ में कम ही आता है। मादा मोरसाल में दो बार अंडे देती है, जिनकी संख्या 6 से 8 तक रहती है। अंडों में से बच्चे 25 से 30 दिनों में निकल आते हैं।बच्चे तीन-चार साल में बड़े होते हैं। मोर के बच्चे कम संख्या में ही बच पाते हैं। इनमें से अधिकांश को कुत्ते तथासियार खा जाते है। ये जानवर मोर के अंडे भी खा जाते हैं।

मोर एक सर्वाहारी पक्षी है। इसकी मुख्य खुराक घास, पत्ते, ज्वार, बाजरा, चने, गेहूं व मकई है। इसके अतिरिक्त यहबैंगन, टमाटर, घीया तथा प्याज जैसी सब्जियाँ भी स्वाद से खाता है। अनार, केला व अमरूद जैसे फल भी यह चावसे खाता है। मोर मुख्य रूप से किसानों का मित्र-पक्षी है। यह खेतों में से कीड़े-मकोड़े, चूहे, छिपकलियां, दीमक वसांपों को खा जाता है। खेतों में खड़ी लाल मिर्च को खाकर यह किसान को थोड़ी हानि भी पहुँचाता है।

मोर का ध्यान आते ही कई लोगों के पाँव थिरकने लगते हैं। कहते हैं मनुष्य ने नाचना मोर से ही सीखा है।

मोर के बारे में पाँच वाक्य

मोर पर निबंध – Peacock short Essay hindi

मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है ।
वह बहुत सुंदर होता है ।
उसके पंख बहुत सुंदर और रंगीबेरंगी होते है ।
वह वर्षा होने पर पंख फैलाकर नाचता है ।
उसके पंख बहुत सारे धार्मिक स्थलों पर प्रयोग किये जाते है ।

मोर के बारे में 10 वाक्य – मोर पर निबंध class 2 – 3

मेरा प्रिय पक्षी मोर का निबंध – बच्चों के लिए

मोर हमारे भारत देश का राष्ट्रीय पक्षी है। मोर दिखने में बहुत ही सुंदर होता है। यह
गहरे नीले रंग का होता है। इसके पंख के तो क्या कहना!  मोर के पंख में अनेक रंग होते है जो उसकी सुंदरता को निखारते है। इसलिए यह मेरा सबसे प्यारा पक्षी है। इस पक्षी को बारिश होने का पूर्वाभास हो जाता है। जब आकाश में काले घने बादल छाने लगते है तो यह अपनी मधुर आवाज से मोरनी को आवाज लगाता है और पंख फैलाकर नृत्य करता है और मोरनी को रिझाता है।

हमारे देश में मोर पक्षी को पवित्र माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान कृष्ण अपने मुकुट में मोर पंख लगाते थे। देवी सरस्वती का यह प्रिय पक्षी है और भगवान कार्तिकेय का वाहन है। पुरातन काल में मोर पंख का उपयोग लेखनी की तरह भी किया जाता था। हिन्दू संस्कृति के अनुसार मोर पंख को घर में रखने से सुख संपत्ति का लाभ होता है। और हमारा कर्तव्य है कि इस राष्टपक्षी की हम रक्षा करें।

मोर पर छोटा निबन्ध – 200 शब्द

मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। इनको मयूर भी कहा जाता हैं। मोर दिखने में बहुत ही आकर्षक होते हैं। ये भारत में लगभग सभी जगह पाए जाते हैं। मोर चमकीले हरे-नीले रंग के होते हैं। इनकी गर्दन नीले रंग की तथा बहुत ही लम्बी होती है। इसके पंख लंबे हैं व रंगीन होते हैं जिन पर हरे, नीले, पीले और सुनहरे रंगों के चांद जैसे स्पॉट होते हैं। इनके पैर बहुत लम्बे होते हैं। इनके सर पर एक कलगी होती है जिसके कारण इन्हें पक्षियों का राजा भी कहा जाता है। इनकी उम्र लगभग 10 से 25 वर्ष तक की होती है। इनके पंख बहुत ही बड़े होते हैं जिससे इनकी लम्बाई लगभग 1 मीटर से भी ज्यादा हो जाती हैं।

मोर बादलों को बहुत पसंद करता है। यह बरसात के मौसम में नृत्य करता है। जब मोर नृत्य के लिए अपने पर फैलाता है, तो यह एक रंगीन पंखे की तरह दिखाई देती है। वहीँ दूसरी ओर मोरनी इतनी आकर्षक नहीं होती। यह आकार में मोर से छोटी होती है। मोरनी का रंग भूरा होता है। इसके पैर बदसूरत होते हैं। मोर अपने भोजन के लिए खाद्यान्नों और कीड़ों पर निर्भर रहता है। मयूर खेतों और बगीचों में पाए जाते हैं वे अनाज खाते हैं।  वे किसानों के दोस्त और कीड़े के दुश्मन हैं। मोर सांप का भी शिकार कर लेते हैं। 

मोर भारत के विभिन्न जगहों पर पाए जाते हैं जैसे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान आदि। परन्तु आज मोर लुप्त होने की कगार पे हैं। एक ओर जहां इनकी सुंदरता के लिए इनको सराहा गया वहीँ दूसरी ओर  इनका शिकार भी  किया गया। मोर के संरक्षण के लिए सरकार ने विभिन्न नेशनल पार्क बनाये हैं परन्तु इनके संरक्षण के लिए अभी बहुत-कुछ किया जाना बाकी है। 

Like Our Facebook Page – HindiHelpguru

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply